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ज्वलंत मुद्दाः आरक्षण के साथ और बिना आरक्षण, इन दो हिस्सों में बंटा भारत

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भारत इस समय दो हिस्सों में बंटा हुआ, जिसमें एक आरक्षण के साथ है, जबकि एक बिना आरक्षण के। आज के समय में ये युवाओं के लिए एक अहम मुद्दा बना हुआ है, फिर चाहे बात नौकरी से जुड़ी हुई हो या पढ़ाई। पढ़ें युवा डाइनामाइट की ये विशेष खबर..

नई दिल्लीः आज के समय में देश में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर फैसला का इंतजार पूरा भारत कर रहा है। इन्हीं मुद्दों में से एक है आरक्षण का मुद्दा।

संविधान की पांचवी अनुसूची में शेड्यूल ट्राइब्स परिषद के अंतर्गत शेड्यूल ट्राइब्स को विशेष अधिकार प्राप्त है। आरक्षण जैसी नीतियां सिर्फ भारत में नहीं और भी काफी देशों में हैं, जहां रंग, भाषा, धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जाता है। आरक्षण इसलिए दिया जाता है कि जिन लोगों से उनकी पहचान के आधार पर भेदभाव करते हुए उनके अधिकारों से वंचित रखा गया हो, उनको मुख्यधारा में लाया जा सके।

भारत में इस वक्त इस चीज को लेकर बहस रही है कि मेडिकल जैसी फिल्ड से (ओबीसी) के आरक्षण के कितने सीट हैं और असल में उन्हें कितनी सीटें दी जा रही हैं।

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