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जॉब इंटरव्यू से नेटवर्किंग तक: ये 7 सेकंड बना सकते हैं आपको सक्सेसफुल प्रोफेशनल

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New Delhi: आज की तेज-तर्रार प्रोफेशनल दुनिया में हर किसी के पास समय की भारी कमी है। जॉब इंटरव्यू हो, क्लाइंट मीटिंग या फिर कोई नेटवर्किंग इवेंट लोग आपके बारे में राय बनाने में ज्यादा वक्त नहीं लगाते। मनोवैज्ञानिकों और करियर एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी नए व्यक्ति को आंकने में हमारा दिमाग औसतन केवल 7 सेकंड लेता है। यही 7 सेकंड ‘फर्स्ट इंप्रेशन’ का गोल्डन रूल कहलाता है।

इन शुरुआती पलों में आपकी डिग्री, स्किल्स या सालों का अनुभव सामने नहीं आता, बल्कि आपकी पर्सनालिटी, कॉन्फिडेंस और प्रोफेशनल अपील बिना शब्दों के बोलती है। यह समय खुद को साबित करने का नहीं, बल्कि खुद को सही तरीके से प्रस्तुत करने का होता है। अगर इन 7 सेकंड में आप भरोसा और पॉजिटिविटी जगा पाए, तो बातचीत का बाकी हिस्सा आपके लिए आसान हो जाता है।

नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन की ताकत

फर्स्ट इंप्रेशन का खेल ज्यादातर नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन पर टिका होता है। आपका पहनावा, चलने का तरीका, मुस्कान, आई कॉन्टैक्ट और यहां तक कि आपकी एक्सेसरीज भी एक मजबूत संदेश देती हैं। ये सभी फैक्टर मिलकर सामने वाले के दिमाग में आपकी एक इमेज बना देते हैं या तो एक प्रोफेशनल और भरोसेमंद व्यक्ति की, या फिर एक अनतैयार और लापरवाह इंसान की।

वेशभूषा: भरोसे की पहली सीढ़ी

शुरुआती 7 सेकंड में कपड़े सबसे पहले नोटिस किए जाते हैं। प्रेस किए हुए, साफ-सुथरे और सही फिटिंग वाले कपड़े प्रोफेशनलिज्म दिखाते हैं। इंडस्ट्री के हिसाब से नेवी ब्लू, ग्रे और ब्लैक जैसे गहरे रंग गंभीरता और आत्मविश्वास का संकेत देते हैं। जूते पॉलिश किए हुए हों और एक्सेसरीज सीमित व क्लासिक ये छोटी बातें बड़ा असर डालती हैं।

बॉडी लैंग्वेज

सीधे खड़े या बैठे रहना, कंधों को पीछे रखना और सिर ऊपर रखना आत्मविश्वास का प्रतीक है। इसके उलट झुकी हुई मुद्रा असुरक्षा दर्शाती है। बातचीत के दौरान बार-बार हाथ-पैर हिलाना या बालों से खेलना घबराहट दिखाता है, जिससे बचना जरूरी है।

आई कॉन्टैक्ट और स्माइल

सामने वाले की आंखों में देखकर बात करना यह दिखाता है कि आप ईमानदार और अटेंटिव हैं। वहीं हल्की और स्वाभाविक मुस्कान माहौल को सहज बनाती है। यह आपको फ्रेंडली और अप्रोचेबल बनाती है, जो किसी भी प्रोफेशनल मीटिंग में फायदेमंद है।

हैंडशेक और आवाज का असर

आमने-सामने की मुलाकात में हैंडशेक अब भी अहम है। न बहुत ढीला, न बहुत कड़ा संतुलित हैंडशेक आत्मविश्वास और सम्मान दोनों दिखाता है। साथ ही आपकी आवाज का टोन साफ, शांत और मध्यम पिच का होना चाहिए। पहला परिचय छोटा लेकिन स्पष्ट रखें।

बारीकियां जो फर्क डालती हैं

साफ-सुथरे नाखून, सलीके से सेट किए बाल और हल्की खुशबू आपकी पर्सनालिटी को निखारती है। जरूरत से ज्यादा तेज परफ्यूम नेगेटिव असर भी डाल सकता है। साथ ही आपका पोर्टफोलियो या नोटबुक भी व्यवस्थित होनी चाहिए।

कुल मिलाकर ये 7 सेकंड आपके करियर की दिशा तय कर सकते हैं। अगर आपने इन पलों में खुद को सही ढंग से प्रस्तुत कर लिया, तो आधी जंग वहीं जीत ली समझिए।

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